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https://www.youtube.com/watch?v=S4x497ZPK14&list=PLB9-NfZahxRw6jq78uTp5Xh5Dk7kR9rf0इस पूरी किताब में इस आत्मा जगत के नियम विस्तार से लिखे हैं
दोस्तों कृपया इस पुस्तक को पढ़ें। आप आत्मा की दुनिया के नियमों को सीखने जा रहे हैं। इस पुस्तक की पुरजोर सिफारिश की जाती है। मैंने इसे कुछ साल पहले पढ़ा था, और मैं अभी भी इस तथ्य पर नहीं पहुंच सकता कि इस पुस्तक ने सचमुच मेरे जीवन और मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया। और मुझे आशा है कि यह आपकी भी मदद कर सकता है। यह पुस्तक शाब्दिक रूप से उन सभी तथ्यों को पूरा करती है जो आप लोगों को पाप करने के लिए नहीं करने चाहिए, कैसे प्रकट करने के लिए, अभिभावक देवदूत आपकी मदद करता है, कर्म कैसे काम करता है, जब आप मरते हैं, तब क्या होता है, और फिर प्रक्रिया होती है, और यह भी पता चलता है / आत्मा दुनिया का चरण जहाँ लोग मृत्यु के बाद समाप्त होते हैं,
यह किस्सा है मुंबई का, मुंबई के बाइकुला इलाके में खुर्शीद भावनगरी और उनके पति रूमी भावनगरी रहा करते थे। इनके दो बेटे थे विस्पी और रत्तू। दोनों की लगभग 29 बरस की उम्र में फरवरी 1980 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। दोनों बेटों का अचानक इस तरह चले जाना मां खुर्शीद बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं। वह गहरे दुख में डूब गईं उनकी बस एक ही इच्छा रह गई कि वह किसी तरह बेटों से संपर्क कर पाएं।
एक महीने बाद बेटों ने एक महिला को माध्यम बनाकर खुद उनसे संपर्क किया। इसके बाद वे ध्यान में लगातार मां से बातें करते रहे। एक दिन उन्होंने कहा कि हम जिस दुनिया में हैं उसके बारे में आपको बताना चाहते हैं आप उस पर एक किताब लिखिए ताकि औरों को भी इससे मदद मिले। आॅटोमैटिक हैंडराइटिंग के जरिए खुर्शीद भावनगरी ने किताब लिखी The Laws Of Spirit World । हिंदी में यह ‘जीवात्मा जगत के नियम‘ नाम से छपी।
अपनी मां से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हैलो मम्मी, पापा हम विस्पी और रत्तू हैं। हम अपनी मौत के कुछ समय बाद ही आत्माओं के जगत में पहुंच गए थे। यह ईश्वर की इच्छा थी, हमारे लिए क्या सही है यह उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। हम जब चाहे आपको देख सकते हैं। लेकिन जब तक आप पूरी तरह से खुश और रिलेक्स नहीं होंगी आप हमसे बात नहीं कर सकतीं क्योंकि इसके लिए मन को एकाग्र करना पड़ता है।‘ इसके बाद उन्होंने बताया कि आत्माओं के जगत में धर्म की दीवार नहीं है, एक ही ईश्वर है। हम लोग धरती पर अच्छा मकसद लेकर आते हैं, लेकिन यहां आकर भूल जाते हैं। हमें सही राह पर चलने में मदद करने के लिए हमारे कुछ गाइड होते हैं। मरने के बाद हम लोगों को अहसास होता है कि हमने अपने जीवन में क्या किया। उसी के हिसाब से हम अपना अगला जीवन चुनते हैं। जीवन में आने वाली कठिनाइयां हम खुद चुनते हैं ताकि उनके बीच हम अपने व्यक्तित्व और चरित्र का विकास कर सकें।
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